बुंदेलखंड का नाम लेते ही हमारे दिमाग में सूखा, पानी की समस्या जैसी तस्वीर उभर कर सामने आती है, 2015 के पहले और 2025 के बुंदेलखंड में जमीन आसमान का फर्क दिखाने के उद्देश्य से महाकुंभनगर में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है जिसमें जीवंत तरीके से इस बदलाव को चित्रित किया गया है।
महाकुम्भ-2025 में देश-विदेश से आने वाले 40-45 करोड़ श्रद्धालु यूपी के ‘स्वच्छ सुजल गांव’ की तस्वीर भी देखेंगे, पीएम मोदी के मार्गदर्शन व सीएम योगी के नेतृत्व में जल जीवन मिशन के जरिए बुंदेलखंड के गांव-गांव में हर घर जल पहुंचाने की नई तस्वीर से भी रूबरू कराया जा रहा है, 2017 से पहले बदहाल और इसके बाद बदले बुंदेलखंड के बदलाव की गाथा भी दिखाई पड़ रही है, 40 हजार स्क्वायर फिट एरिया में बसे गांव में पीएम आवास, सीएम आवास, ग्राम पंचायत, सोलर एनर्जी के जरिये समृद्ध उत्तर प्रदेश की नई कहानी भी दिखेगी। यह गाथा बदले यूपी की पहचान से हर श्रद्धालुओं को अवगत कराएगी। वहीं डिजिटल कॉर्नर में पहुंचकर उत्तर प्रदेश का हर नागरिक अपने गांव में जल, टैब, जलापूर्ति की वास्तविक स्थिति भी जान सकेंगे, महाकुंभनगर से हमारे विशेष संवाददाता नितेश मिश्रा ने उन तस्वीरों को दिखाया जो बदहाल बुंदेलखंड की परिभाषा बन गया था।

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योगी सरकार के नेतृत्व में ग्रामीण जलापूर्ति व नमामि गंगे विभाग महाकुम्भ-2025 में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ बसा लिया है, इस गांव का दर्शन 10 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जा रहा है, पेयजल का समाधान, मेरे गांव की नई पहचान’ थीम पर यह गांव 40 हजार स्क्वायर फिट एरिया में बसाया गया है,कभी प्यासे रहे बुंदेलखंड में पीएम मोदी के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पेयजल की समस्या का समाधान हो गया है, अब बदले हुए बुंदेलखंड की तरफ रुख करते है और आपको दिखाते है कैसा है नया बुंदेलखंड।
बांदा, झांसी, चित्रकूट के कई गांवों में पानी न होने के कारण शादी नहीं हो पाती थी। ललितपुर व महोबा के उन गांवों की महिलाएं, पानी ढोने के कारण जिनके सिर से बाल गायब हो गए थे। शुद्ध पानी से जीवन में आए बदलाव की कहानी को वे बयां कर रही है।
एंड पीटीसी( wkt का आखिरी हिस्सा यही लगा दे)