Home Uttar Pradesh संतकबीरनगर की जिला बैठक में गरमाई सियासत: सपा सांसद और भाजपा विधायक...

संतकबीरनगर की जिला बैठक में गरमाई सियासत: सपा सांसद और भाजपा विधायक में तीखी नोकझोंक

22
0

संतकबीरनगर (खलीलाबाद), 8 अप्रैल – जिले की एक अहम जिला स्तरीय बैठक उस वक्त विवादों में घिर गई जब सपा सांसद पप्पू निषाद ने तहसीलों और थानों में अवैध वसूली के आरोप लगाए। सांसद के इस आरोप पर सदर से भाजपा विधायक अंकुर राज तिवारी भड़क उठे और सपा सांसद को खुली चुनौती दे दी – “अगर वाकई वसूली हो रही है तो सबूत पेश करें, वरना बेबुनियाद आरोप न लगाएं।”

बैठक का मंच बना सियासी अखाड़ा

यह मामला विकास भवन स्थित सभागार में हुई जिला पंचायत सदस्यों की बैठक के दौरान सामने आया। सांसद पप्पू निषाद ने मंच से आरोप लगाया कि जिले में तहसील और थानों में आम जनता से वसूली की जा रही है और कुछ अफसर इसमें संलिप्त हैं।

Also Read-वक्फ संशोधन बिल के बाद बड़ा राजनीतिक उलटफेर: पश्चिम यूपी में सैकड़ों मुस्लिम समाज के लोगों ने सपा छोड़कर RLD की सदस्यता ली

इस बयान से विधायक अंकुर तिवारी नाराज़ हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार पर इस तरह के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण हैं। “अगर आपके पास कोई प्रमाण है तो दीजिए, हम कार्रवाई कराएंगे। लेकिन झूठे आरोपों से जनता और शासन दोनों का नुकसान हो रहा है।”

गर्म माहौल में अफसरों ने संभाला मोर्चा

दोनों नेताओं के बीच बहस इतनी तेज़ हो गई कि बैठक का माहौल गर्म हो गया। स्थिति बिगड़ती देख अधिकारियों ने बीच-बचाव किया, तब जाकर बैठक दोबारा शुरू हो सकी।

मीडिया से बोले विधायक – सबूत दो, कार्रवाई होगी

बाद में मीडिया से बातचीत में विधायक तिवारी ने कहा कि सांसद विकास की दिशा से भटक रहे हैं और इस तरह की बयानबाज़ी से पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा है। “भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, बशर्ते पुख्ता प्रमाण हो।”

योगी के करीबी माने जाते हैं अंकुर तिवारी

वहीं, सपा सांसद पप्पू निषाद प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर पहले भी कई बार आवाज़ उठा चुके हैं। दूसरी ओर विधायक अंकुर तिवारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खास माने जाते हैं और जिले में विकास कार्यों को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि सांसद और विधायक के बीच यह टकराव आगामी निकाय और विधानसभा चुनावों से पहले दोनों दलों के लिए चुनौती बन सकता है। यह साफ संकेत है कि जिले में राजनीतिक मतभेद अब सार्वजनिक रूप से सामने आ रहे हैं। संतकबीरनगर की यह बैठक विकास योजनाओं के बजाय सियासी घमासान का मंच बन गई। आने वाले समय में यह टकराव जिले की राजनीति पर बड़ा असर डाल सकता है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here