प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ 2025 को “एकता का महाकुंभ” बताते हुए लोगों से इस धार्मिक समागम से नफरत और विभाजन को खत्म करने का संकल्प लेकर लौटने की अपील की है। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोदी ने कहा कि महाकुंभ का संदेश है – “एक हो पूरा देश”। उन्होंने प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ के दौरान भारत की विविधता और एकता का विशेष उदाहरण देखने की बात कही।
महाकुंभ की विशेषता: विविधता में एकता
प्रधानमंत्री ने कहा, “महाकुंभ की खूबसूरती न केवल इसकी विशालता में है, बल्कि इसकी विविधता में भी है। यहां हर कोने से आने वाले लोग एकता का संदेश लेकर लौटते हैं।” उन्होंने इसे देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक बताया और लोगों से इस महापर्व में शामिल होने की अपील की।

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गणतंत्र दिवस 2025 और संविधान की 75वीं वर्षगांठ
मोदी ने बताया कि आगामी गणतंत्र दिवस 2025 विशेष होगा, क्योंकि यह संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारा संविधान समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। यह हमारा मार्गदर्शक है, जिसने हमें आगे बढ़ने की राह दिखाई है।”
‘कॉन्स्टिट्यूशन75 डॉट कॉम’ वेबसाइट की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने नागरिकों को संविधान से जोड़ने के लिए एक विशेष वेबसाइट ‘कॉन्स्टिट्यूशन75 डॉट कॉम’ लॉन्च करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट पर:
- संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जा सकती है।
- अलग-अलग भाषाओं में संविधान को समझा जा सकता है।
- अपना वीडियो अपलोड कर संविधान के प्रति अपनी भावनाएं साझा की जा सकती हैं।
- संविधान से जुड़े प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
मोदी ने कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस से शुरू होकर अगले एक साल तक कई गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जो नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ेंगी।

संविधान और प्रधानमंत्री का संबंध
प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए कहा, “यह भारत का संविधान ही है जिसकी वजह से मैं आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं। हमारे संविधान निर्माताओं ने जो हमें दिया है, वह हर चुनौती और समय की कसौटी पर खरा उतरा है।”
विपक्ष पर निशाना और सरकार का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार संविधान की भावना को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब भी कांग्रेस सत्ता में रही, उसने संविधान को कमजोर करने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ और संविधान की 75वीं वर्षगांठ को भारतीय एकता, सांस्कृतिक विरासत और लोकतंत्र का उत्सव बताया। उन्होंने लोगों से न केवल महाकुंभ में भाग लेने की अपील की, बल्कि संविधान के महत्व को समझने और इससे जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया।