उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कुंडा विधायक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया इन दिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। कभी सेक्युलर नेता की छवि रखने वाले राजा भैया अब हिंदुत्व के मुद्दों को मुखर होकर उठा रहे हैं। उन्होंने अपने भाषणों और कार्यक्रमों के जरिए अपनी पुरानी छवि को पूरी तरह बदल दिया है।
हिंदू धर्म पर फोकस
राजा भैया ने अपने हालिया भाषणों में हिंदू समाज की तटस्थता और उदासीनता पर सवाल उठाए। उन्होंने हिंदू परिवारों से नई पीढ़ी को धर्म की शिक्षा देने की अपील की और कहा कि संपन्न मुस्लिम परिवार अपने बच्चों को मौलाना से तालीम दिलाते हैं, लेकिन हिंदू धर्म की शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं देता। राजा भैया का कहना है कि सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा
राजा भैया ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि वहां की कट्टरवादी सरकार हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बना रही है। उनके घरों और दुकानों को जलाया जा रहा है। राजा भैया ने सोशल मीडिया पर लिखा, “बांग्लादेश में हिंसा और हिंदुओं की हत्या चिंताजनक है। विश्व के हिंदुओं को एकजुट होकर इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए।”
सनातन पदयात्रा और “जुड़ोगे तभी बचोगे” का नारा
राजा भैया ने बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की सनातन पदयात्रा में हिस्सा लिया और “जुड़ोगे तभी बचोगे” का नारा दिया। उन्होंने हिंदू समाज को एकजुट होकर अपनी परंपराओं और धर्म को बचाने की अपील की।
विधानसभा में तीखा बयान
यूपी विधानसभा में सपा विधायक नवाब महबूब के बयान पर पलटवार करते हुए राजा भैया ने कहा, “अगर कुंदरकी में वोट लूटकर भाजपा का विधायक बना तो क्या मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर हिंदू प्रत्याशी को वोट नहीं मिलते?” उन्होंने तुष्टिकरण की राजनीति पर सवाल खड़े किए।

संभल हिंसा पर कड़ा रुख
संभल हिंसा पर राजा भैया ने साफ कहा कि सर्वे कोर्ट के आदेश पर हुआ है। उन्होंने सवाल किया, “क्या पत्थर फेंकने से अदालत का फैसला बदल जाएगा?” राजा भैया ने खुद को सनातनी बताते हुए कहा कि अगर मंदिर के सर्वे का आदेश आता है तो हम कानून का पालन करेंगे, पत्थर नहीं चलाएंगे।
पॉडकास्ट में हिंदू धर्मगुरुओं पर सवाल
अपने पॉडकास्ट में राजा भैया ने हिंदू धर्मगुरुओं से अपील की कि अगर कोई व्यक्ति सनातन धर्म के लिए कुछ कर रहा है तो उसकी आलोचना न करें। उन्होंने बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि परायों से ज्यादा हमारे अपने ही हमें कमजोर करते हैं।
मुस्लिम धर्मगुरुओं का उदाहरण
राजा भैया ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु कभी अपने समुदाय के गलत लोगों की आलोचना नहीं करते। उन्होंने कहा, “दाउद, मुख्तार, अतीक जैसे अपराधियों के बारे में सब जानते हैं, लेकिन मुस्लिम धर्मगुरु उनके खिलाफ खड़े नहीं होते।” उन्होंने हिंदू धर्मगुरुओं से भी एकजुटता की अपील की।
राजा भैया के इन बयानों और कदमों से उनकी छवि में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। उनकी राजनीति अब सीधे हिंदुत्व और सनातन धर्म के मुद्दों पर केंद्रित नजर आ रही है।