बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) इस समय पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। पिछले साल हरियाणा और महाराष्ट्र में संघ की सक्रियता ने भाजपा को बड़ी जीत दिलाई थी, और अब संघ बिहार के चुनावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
संघ की आगामी बैठक बेंगलुरू में 21 से 23 मार्च तक होने जा रही है, जिसमें 1500 से 1600 प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह बैठक संघ के एक साल के कामकाज की समीक्षा और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के लिए आयोजित की जा रही है। इस साल संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं, और इस शताब्दी वर्ष की तैयारी के लिए भी विशेष चर्चा होगी। विजयादशमी 2025 से 2026 तक संघ अपने शताब्दी वर्ष का आयोजन करेगा।
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बैठक में संघ के सभी 45 प्रांतों के प्रमुख, क्षेत्र प्रमुख, और 32 सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे, जिनमें विश्व हिंदू परिषद, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय जनता पार्टी जैसे संगठन शामिल हैं। यह बैठक हर तीन साल में एक बार चुनावी वर्ष के रूप में आयोजित की जाती है, और पिछले साल यह बैठक नागपुर में हुई थी।
इस बैठक से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बिहार दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें बिहार चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, अगले साल बंगाल चुनाव और भाजपा के नए अध्यक्ष के चुनाव पर भी इस बैठक में विचार किए जाने की संभावना है।
संघ के पदाधिकारी इस बैठक में आगामी एक साल की कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे, जिसमें सरसंचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबले, और अन्य प्रमुख सदस्य भी मौजूद रहेंगे।