संभल में हुई हिंसा के बाद लगातार सर्वे जारी है, जिसमें सनातन धर्म से जुड़ी ऐतिहासिक विरासतें सामने आ रही हैं। संभल सर्वे के बाद प्रदेश भर में मस्जिदों के सर्वे की मांग तेज हो गई है, क्योंकि कई जगहों पर खुदाई के दौरान मंदिर और शिवलिंग मिलने की खबरें आ रही हैं। इस माहौल में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक बयान दिया है, जो अब चर्चा का विषय बन गया है। माना जा रहा है कि उनका यह बयान एक खास समुदाय को खुश करने के उद्देश्य से दिया गया है।
अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में हर जगह खुदाई हो रही है, तो मुख्यमंत्री आवास में भी खुदाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है, वहां भी खुदाई होनी चाहिए। मुझे पूरा भरोसा है कि वहां कुछ मिलेगा। खुदाई के लिए हम सभी को तैयारी करनी चाहिए। नया मुद्दा यह है कि मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है।”

इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने जोरदार पलटवार किया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई ने कहा, “जहां-जहां खुदाई हो रही है, वहां शिवलिंग प्रकट हो रहे हैं और जनता सब देख रही है। लेकिन अखिलेश यादव का बयान पूरी तरह से तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित है। शायद अब अखिलेश यादव को सपने में भी भगवान शिव के दर्शन हो रहे हैं।”
हीरो बाजपेई ने व्यंग्य करते हुए कहा, “जल्द ही आपको यह खबर सुनने को मिल सकती है कि अखिलेश यादव ने रात को सोते-सोते अपने बंगले की जमीन खोदनी शुरू कर दी। उनके तुष्टिकरण से भरे बयानों ने जनता को हैरान कर दिया है।”इस मुद्दे पर बढ़ती बहस ने मंदिर-मस्जिद विवाद और प्रदेश में हो रही खुदाई को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है। अब देखना यह है कि इस बयानबाजी का राजनीतिक असर किस तरह पड़ता है।