उत्तर प्रदेश में संभल जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा पर राजनीति शुरू हो चुकी है। संभल हिंसा पर एक तरफ योगी सरकार और प्रशासन जमकर कार्रवाई कर रहा है। दूसरी तरफ अखिलेश यादव, डिंपल यादव, आप सांसद संजय सिंह, बसपा प्रमुख मायावती से लेकर विपक्ष लगातार यूपी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। इसी बीच संभल जामा मस्जिद सर्वे और बवाल को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान सामने आया है। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हर मस्जिद में मंदिर ढूंढने वाले गलत परिपाटी अपना रहे हैं। इसे योगी सरकार पर उनका हमला माना जा रहा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर हर मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है तो हर बौद्ध मठ को तोड़कर मंदिर बनाए गए हैं। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि केदारनाथ, बद्रीनाथ और जगन्नाथ पुरी बौद्ध मठ थे। 1950 में लागू हुए संविधान में साफ तौर पर कहा गया है कि 1947 के वक्त से जो धार्मिक स्थल जैसे थे, वैसा ही स्वीकार किया जाएगा।ईवीएम मशीन के दुरुपयोग पर चर्चा न हो इसलिए सरकार किसी भी हद तक जाना पड़े, उससे परहेज नहीं है। उन्होंने कहा कि बहराइच में भी यही हाल हुआ था। धर्म विशेष के लोगों पर ज्यादती की गई थी, आग लगाई गई थी।
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संभलहत्या के मामले में पुलिस तो पल्ला झाड़ रही है, कई वीडियो में जय श्रीराम का नारा लगाते हुए भी दिखे।वीडियो में पुलिस के स्तर से ईंट और पत्थर जवाबी कार्रवाई के रूप में फेंका जाना दिखा। साथ ही संभल पुलिस को गोलीबारी भी करते हुए देखा गया है। शासन-प्रशासन की इस अंधेरगर्दी की चर्चा न हो उससे ध्यान हटाने के लिए पुलिस मनगढ़ंत कहानी गढ़ रही है।