चेन्नई: तमिल सिनेमा के चर्चित निर्देशक विक्रम सुगुमारन का 48 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। उनके असामयिक निधन से साउथ फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, विक्रम मदुरै से चेन्नई लौट रहे थे, जब बस यात्रा के दौरान उनके सीने में अचानक दर्द उठा। उन्हें तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

नए प्रोजेक्ट के लिए गए थे मदुरै
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विक्रम सुगुमारन अपने नए प्रोजेक्ट की स्क्रिप्ट सुनाने एक प्रोड्यूसर से मिलने मदुरै गए थे। वापसी के दौरान बस में उन्हें बेचैनी हुई और फिर सीने में दर्द शुरू हो गया। तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उनका निधन हो गया।
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ग्रामीण कहानियों को दी नई पहचान
विक्रम सुगुमारन ने 2013 में “माधा यानई कूटम” से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था। इस फिल्म में उन्होंने ग्रामीण तमिल जीवन की जटिलताओं और भावनाओं को बेहद संवेदनशीलता से चित्रित किया, जो दर्शकों और आलोचकों दोनों को पसंद आया।
फिल्म की सफलता के बाद विक्रम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और तमिल सिनेमा को कई यादगार कहानियां दीं। उन्होंने फिल्म निर्माण की बारीकियां प्रसिद्ध निर्देशक बालू महेंद्र से सीखी थीं, जो उनके काम में स्पष्ट झलकती हैं।
सिनेमा जगत में शोक की लहर
विक्रम के निधन की खबर सुनकर फिल्म इंडस्ट्री के उनके सहयोगी, अभिनेता, तकनीशियन और प्रशंसक गहरे सदमे में हैं। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं।
कम उम्र में दुनिया से विदा
तमिलनाडु के रामनाथपुरम में जन्मे विक्रम सुगुमारन न केवल एक संवेदनशील निर्देशक थे, बल्कि एक कहानीकार के रूप में भी बेहद सशक्त पहचान रखते थे। उनकी उम्र अभी सिर्फ 48 साल थी, और सिनेमा में उनका योगदान और भी गहरा हो सकता था।