मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर के शुकतीर्थ में आयोजित विशाल संत समागम और सत्संग समारोह में भाग लेते हुए कहा कि संतों की दी हुई राह ही समाज को जोड़ती है और ऐसी घटनाएं नहीं होने देती जैसी कभी कैराना और कांधला में हुई थीं।
यह कार्यक्रम स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास जी महाराज की 65वीं पुण्यतिथि और सतगुरु समनदास जी महाराज की स्मृति में आयोजित किया गया था।
संतों की शिक्षा देती है एकता और प्रेरणा का मार्ग
सीएम योगी ने कहा कि संत समाज, विशेषकर संत रविदास जी महाराज, ने हमें कर्म, भक्ति और समाज सुधार की राह दिखाई।उन्होंने कहा, “जब देश विदेशी आक्रांताओं की गुलामी में था, तब काशी के सीरगोवर्धन से संत रविदास जी ने देशवासियों को कर्म और समानता की प्रेरणा दी। उनकी वाणी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।”

“मन चंगा तो कठौती में गंगा” – रविदास जी का संदेश
मुख्यमंत्री ने संत रविदास जी के उस प्रसिद्ध कथन को याद किया जिसमें वे कहते हैं, “मन चंगा तो कठौती में गंगा।”यह कथन आंतरिक पवित्रता और सामाजिक सुधार का प्रतीक है। संत रविदास ने जीवन भर जात-पात और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और समाज को एक नई सोच दी।
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पीएम मोदी ने संतों की बातों को उतारा ज़मीन पर
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास जी की उस भावना को साकार किया, जिसमें वे कहते थे, “सबको बिना भेदभाव के समान अधिकार और अन्न मिले।”
पीएम मोदी की प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत अब तक 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिला है।
शुकतीर्थ को मिलेगा नया स्वरूप
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि आने वाले समय में शुकतीर्थ में
- घाट का निर्माण
- सड़कों का चौड़ीकरण
- पार्किंग एरिया
- सत्संग सभागार
- और सुंदरीकरण कार्य किए जाएंगे,
ताकि श्रद्धालुओं को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
योगी ने याद दिलाया भारत की गौरवशाली विरासत
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुकतीर्थ एक पौराणिक भूमि है, जहां पांच हजार साल पहले शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी।उन्होंने यह भी कहा, “दुनिया में ऐसा कोई संप्रदाय नहीं जो इतने प्राचीन इतिहास का दावा कर सके। यह गर्व सिर्फ भारत को और यहां के संतों को प्राप्त है।”
बाबा साहेब को दिया गया सम्मान
योगी ने यह भी कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर को जितना सम्मान मिलना चाहिए था, वह पहले की सरकारों ने नहीं दिया।पीएम मोदी ने पहली बार बाबा साहेब के नाम पर पंचतीर्थों का निर्माण कराया और 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया।

संतों की प्रेरणा से ही संभव हुआ विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत ज्ञान भिक्षुक दास और संत समनदास जी महाराज ने संत रविदास जी के मिशन को आगे बढ़ाया।आज जिन कल्याणकारी योजनाओं से लोगों के जीवन में बदलाव आया है, उसका श्रेय संतों की उसी प्रेरणा को जाता है।
कार्यक्रम में कई प्रमुख संत, मंत्री, सांसद व स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें महंत गोवर्धन दास, स्वामी ओमानंद, गुरुदीप गिरि, सांसद चंदन चौहान, और मंत्री कपिलदेव अग्रवाल व अनिल कुमार आदि शामिल थे।