अगर 7 मई को अचानक कोई तेज और डरावनी सायरन की आवाज सुनें तो घबराएं नहीं. यह कोई आपात स्थिति नहीं, बल्कि एक मॉक ड्रिल यानी युद्ध जैसी स्थिति की तैयारी का अभ्यास है. इस दौरान एक ‘जंग वाला सायरन’ बजेगा, ताकि लोगों को बताया जा सके कि युद्ध या हवाई हमले जैसी स्थिति में क्या करना होता है?
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1971 की जंग के बाद यह पहली बार है कि भारत सरकार ने ऐसा मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है.मॉक ड्रिल के दौरान क्या-क्या होगा? सबसे पहले, एयर रेड वार्निंग सायरन को चालू किया जाएगा, इसका मतलब है कि हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को बजाया जाएगा। नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी कि हमले की स्थिति में खुद को कैसे बचाएं। क्रैश ब्लैक आउट के उपाय किए जाएंगे, इसका मतलब है कि हमले के दौरान रोशनी बंद करने यानी क्रैश ब्लैक आउट की व्यवस्था की जाएगी। महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को जल्दी से छिपाने की व्यवस्था की जाएगी, प्लांट्स और जरूरी जगहों को दुश्मनों से बचाने के लिए उन्हें कैसे जल्द से जल्द छिपाया जाए ये बताया जाएगा। निकासी योजना यानी एवेकुएशन प्लान क्या होगा, इससे लोगों को अपडेट किया जाएगा, इसके साथ ही उसका अभ्यास भी किया जाएगा। एवेकुएशन प्लान का मतलब है कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना।इसका मतलब है कि युद्ध की स्थिति में कैसे आम लोगों को सुरक्षित जगह ले जाएं इसकी तैयारी की जाएगी।