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संविधान में नहीं समाजवाद और सेकुलर शब्द, कांग्रेस ने संविधान का गला घोंटा, नहीं दिखा समाजवाद!

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जहां एक समय में भाजपा के सांसद लल्लू प्रसाद द्वारा दिए गए बयान ने जमकर बीजेपी की फजीहत कराई थी, आलम यह था कि भाजपा पर अन्य राजनीतिक दल खूब हमलावर हुए, मुद्दा रहा संविधान का, जिसे बदलने की बात कहकर भाजपा ने जो अंजाम भुगता वो किसी से छुपा नहीं है, केंद्र को जाने वाले रास्ते यूपी से भाजपा को ऐसा झटका लगा जिसके बाद से विपक्ष ने संविधान के मुद्दे पर बीजेपी से इतने सवाल दागे कि भाजपा हाशिए पर आ खड़ी हुई, सत्ता पक्ष के पास जवाब नहीं सूझ रहा था लेकिन जैसे अखिलेश के PDA की तोड़ सीएम योगी ने बंटेंगे तो कटेंगे से निकाली, वही संविधान के मुद्दे पर एक बयान दे कर योगी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के लिए नई सिरदर्दी खड़ी कर दी है।

दरअसल, संविधान दिवस के मौके पर लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में संविधान की उद्देशिका का पाठन कराया और संविधान निर्माताओं को नमन किया, इस दौरान सीएम ने भारत के संविधान को दुनिया का सबसे विस्तृत और सशक्त संविधान बताते हुए कहा कि बाबा साहब ने सबसे पहले संविधान के रूप में “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की आधारशिला रखी।

सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान की उद्देशिका से छेड़छाड़ कर कांग्रेस ने भारत के संविधान का गला घोंटा है, उन्होंने प्रहार करते हुए कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान 26 नवंबर 1949 को दिया था ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द नहीं थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दिन हमें अपने लोकतंत्र और संविधान की महानता का स्मरण कराता है, उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत का सच्चा सपूत बताते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में बनी संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी ने न्याय, समता और बंधुता जैसे मूल्यों को संविधान में शामिल कर देश को एक सशक्त भविष्य दिया।

सीएम योगी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद 1946 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मांग पर संविधान सभा का गठन हुआ था, संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया, 13 समितियों के माध्यम से संविधान निर्माण का कार्य किया गया, जिसमें ड्राफ्टिंग कमेटी का नेतृत्व बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने किया। संविधान निर्माण के लिए 13 कमेटियों के बहस और फिर उसके महत्वपूर्ण अंशों को संविधान में शामिल किया गया, मुख्यमंत्री ने इन बहसों को संविधान का सार बताते हुए कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को इनसे मार्गदर्शन लेना चाहिए।

उक्त उद्बोधन के बाद सीएम आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि संविधान की उद्देशिका से छेड़छाड़ कर कांग्रेस ने संविधान का गला घोंटा है। कांग्रेस ने संविधान के मूल स्वरूप को बदलने का प्रयास किया और देश की जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाई। यह भाजपा की सरकार है जिसने संविधान के प्रति लोगों की आस्था को मजबूत किया, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संविधान को और मजबूती प्रदान की जा रही है।

वही संविधान के मुद्दे पर विपक्ष लगातार हमलावर है, एक तरफ अखिलेश यादव लगातार PDA का हवाला देते हुए भाजपा को संविधान विरोधी करार देते है, उपचुनाव मामले पर भी अखिलेश ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि बीजेपी संविधान को नहीं मानती, वही कांग्रेस भी संविधान के मुद्दे पर भाजपा को लोकसभा चुनाव के दौरान से घेरते चली आ रही है, आलम यह रहा कि विपक्ष सदन में संविधान की पुस्तक लेकर पहुंचने लगे और संविधान के मुद्दे पर जमकर हंगामा भी होता चला आया है।

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दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राहुल गांधी ने बीजेपी के संविधान दिवस पर हमला बोलते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी की सरकार ने आज संसद में संविधान दिवस पर फंक्शन कराया,अगर मोदी जी ने संविधान की इस किताब को पढ़ा होता तो वो रोज जो करते हैं उसे वैसा नहीं करते,इसको किताब का फॉर्म दे रखा है, मगर ये महज किताब नहीं है,हिंदुस्तान की 21वीं सदी में सोशल एंपावरमेंट की सोच इसी संविधान के अंदर है।

अपने हाथ में संविधान की किताब लेकर राहुल गांधी ने कहा कि वो कहते हैं कि गांधी, फूले, शिवाजी की सोच संविधान की किताब में मिलेगी, क्या सावरकर की सोच इसमें दिखती है? ये सत्य और अहिंसा की किताब है, संविधान में कहीं नहीं लिखा कि झूठ बोलकर सरकार चलाया जाए, किसी को मारने, काटने की बात भी नहीं लिखी, यहां रोहित वेमुला की तस्वीर लगी है. वो भी बोलना चाहते थे लेकिन उनको मार दिया गया।

इन तमाम आरोप प्रत्यारोप के बीच जहां बीजेपी संविधान के मुद्दे पर लगातार घिर रही थी ऐसे में सीएम योगी ने संविधान के मुद्दे पर ताजा बयान देकर सियासी दलों का मुंह सिलने का काम किया है, योगी ने न सिर्फ संविधान की बात की बल्कि उसकी उद्देशिका के साथ साठा समाजवाद, सेकुलर और सोशलिस्ट जैसे शब्दों को चोरी छुपे जोड़े जाने की बात भी कही, ऐसे में निश्चित ही यह एक बड़ा मुद्दा बनता हुआ नजर आ रहा है और एक बार फिर सीएम योगी की तर्कसंगत बात विपक्ष के लिए परेशानी का सबब बनता हुआ नजर आ रहा है।

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