उत्तर प्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ी योजना तैयार की है। इसके तहत देश का पहला टेक्सटाइल पार्क कानपुर के पास 875 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा, जहां टेक्सटाइल से जुड़ी अत्याधुनिक मशीनों का निर्माण होगा। इसके अलावा लखनऊ के पास पीएम मित्र पार्क समेत प्रदेश के 10 जिलों में भी नए टेक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे। इससे यूपी का कपड़ा उद्योग नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा और राज्य देश में कपड़ा उत्पादन में अग्रणी बन जाएगा।
40 हजार करोड़ का निवेश, निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
टेक्सटाइल पार्क में मशीनों के आयात और निर्माण के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो आने वाले चार-पांच सालों में बढ़कर चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। सरकार भोगनीपुर के पास टेक्सटाइल मशीन पार्क विकसित करने जा रही है, जहां मशीनों को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाया जाएगा। इस पार्क से हर साल करीब 30 हजार करोड़ रुपये के टेक्सटाइल उत्पादों का निर्यात किया जाएगा।
2030 तक 350 अरब डॉलर का होगा बाजार, यूपी को मिलेगा फायदा
एक अनुमान के मुताबिक, 2030 तक टेक्सटाइल बाजार 350 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जिसके लिए चार लाख करोड़ रुपये की टेक्सटाइल मशीनों की जरूरत होगी। अगले पांच सालों में इस क्षेत्र में 10 गुना वृद्धि होने की संभावना है।
अब तक भारत को चीन, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ताइवान और यूरोप से टेक्सटाइल मशीनें आयात करनी पड़ती थीं, लेकिन अब इनका निर्माण यूपी में ही किया जाएगा। इसमें सर्कुलर निटिंग मशीन, फ्लैट निटिंग मशीन, डाइविंग निटिंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन, सिलाई मशीन, पेशेंट गाउन मशीन और टेक्निकल टेक्सटाइल मशीनें शामिल होंगी।
भोगनीपुर में टेक्सटाइल मशीन पार्क, 200 से ज्यादा इकाइयां स्थापित होंगी
कानपुर के पास भोगनीपुर के चपरघटा गांव में टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जाएगा, जहां 200 से ज्यादा बड़ी और मध्यम टेक्सटाइल इकाइयां लगाई जाएंगी। इस परियोजना को लेकर कई बड़ी कंपनियों से बातचीत चल रही है।
इस टेक्सटाइल हब के बनने से यूपी का औद्योगिक विकास तेज होगा, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और राज्य वैश्विक टेक्सटाइल उद्योग में एक नई पहचान बनाएगा।