अलीगढ उपचुनाव:-उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा ने अपने 7 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने 9 की 9 सीटों पर प्रत्याशियों को मैदान पर उतार दिया है वहीं कांग्रेस चाहती थी किअखिलेश यादव फूलपुर और मीरापुर सीट की मांग कर रही थी लेकिन कांग्रेस और सपा में सहमति नही बन पायी जिससे कि अब यही लग रहा है कि कांग्रेस यूपी में उपचुनाव नही लड़ेगी । जहां एक तरफ अयोध्या की मिल्कीपुर विधान सभा सीट पर अभी संशय बरकरार है कि कि चुनाव कब होना है । फिरहाल भाजपा ने अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट पर हाथरस लोकसभा से भाजपा के पूर्व सांसद राजवीर सिंह दिलेर के बेटे सुरेंद्र सिंह दिलेर को टिकट देकर मैदान में उतारा है।
खास बात ये है कि सुरेंद्र दिलेर के पिता ही नहीं बल्कि उनके बाबा भी बड़े नेता रहे ।सुरेंद्र सिंह दिलेर के दादा किशन लाल दिलेर हाथरस लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर 4 बार सासंद रह चुके थे।वहीं उनके पिता राजवीर सिंह दिलेर अलीगढ़ जिले की इगलास विधानसभा से विधायक भी रहे चुके थे। लेकिन लोकसभा का टिकट मिलने के बाद उन्हें यह सीट छोड़नी पड़ी थी । 2019 में हाथरस लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए।पूर्व सांसद के बेटे सुरेन्द्र सिंह दिलेर अपने पिता का प्रचार का काम संभालते थे ।2022 में भी उन्होंने टिकट मांगा था । लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला था ।लेकिन अनूप वाल्मीकि के सांसद बनते ही वह उपचुनाव की काफी पहले से तैयारी कर रहे थे।और अब भारतीय जनता पार्टी ने उनके नाम की घोषणा कर दी है
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वहीं आपको बता दें कि अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा था।यहां से भाजपा के अनूप वाल्मीकी विधायक बने थे। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनको लोकसभा हाथरस से टिकट दिया । जहां उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी । खैर विधानसभा सीट सुरक्षित होने के बावजूद यहां पर बड़ी संख्या में जाट वोट प्रत्याशी की हार जीत में निर्णायक भूमिका निभाता हैं हलांकि इस बार के चुनाव में भाजपा ने सपा के साथ सियासत का दांव खेल कर करहल में अखिलेश यादव के जीजा अनुजेश यादव को चुनाव मैदान में उतार दिया जो अब करहल में यादव बनाम यादव का लड़ाई हो गई है ये सपा के लिए काफी नुकसान दे सकता है