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राणा सांगा को लेकर योगी ने किया अपना रुख स्पष्ट तो भड़क गये सपा के दलित सांसद

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आज राणा सांगा की जयंती है। वहीं राणा सांगा, जिसको लेकर पिछले काफी दिनों से देश में राजनीतिक तूफान उठा हुआ है. राणा सांगा के जयंती के मौके पर करणी सेना आगरा में एक रैली निकाली हैं .बता दे कि राणा सांगा पर पहले ही काफी बवाल हो चुका है. अब इसी लिये जयंती के मौके पर आगरा पुलिस पहले से ही मुस्तैद हैं ,जगह-जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। राणा सांगा की जयंती के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर DCP सिटी सोनम कुमार बताया कि यहां त्रिस्तरीय सुरक्षा योजना लागू की गई है. दंगा रोधी उपकरणों के साथ 24 बिंदुओं पर बैरियर लगाए गए हैं. ड्रोन के जरिए लगातार निगरानी की जा रही है. किसी तरह की कोई घटना होने की आशंका नहीं है। आगरा में भारी संख्या में जवानों को तैनात किया गया है।

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राणा सांगा 16वीं सदी के मेवाड़ के शासक थे। आज उनकी जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। राणा सांगा की जयंती के मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा कि, “धर्मरक्षा हेतु समर्पित रहे परम प्रतापी राणा सांगा जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः: नमन, राष्ट्रभक्ति और त्याग की प्रतीक उनकी यशगाथा इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। उनका शौर्य युगों-युगों तक भारतभूमि को स्वाभिमान से सिंचित करता रहेगा। “वहीं दूसरी तरफ राणा सांगा की जयंती के मौके पर आज आगरा में करणी सेना रक्त स्वाभिमान रैली निकाल रही है। आगरा शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। करणी सेना को शहर के बाहर गढ़ी रामी गांव में कुछ शर्तों के साथ रैली निकालने की इजाजत दी गई है। बता दें कि बीते 26 मार्च को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के घर पर जमकर बवाल किया था। घर के बाहर खड़ी कारों और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए आज राणा सांगा की जयंती पर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। आगरा शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के द्वारा राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के बाद से ही करणी सेना के समर्थक सपा पार्टी और सांसद का जमकर विरोध कर रहे हैं। करणी सेना की मांग है कि सपा सांसद अपने बयान को लेकर माफी मांगे नहीं तो ये विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. लेकिन इन सब के बावजूद करणी सेना को रैली की इजाजत दिए जाने पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि सत्तारूढ़ दल को इसमें कुछ लाभ दिखाई दे रहा होगा, इसलिए वो हिंसा का वातावरण बनाने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन हो या ना हो, ये हम तय नहीं कर सकते। हमें उम्मीद थी कि इस आयोजन की अनुमति नहीं मिलेगी लेकिन बावजूद इसके प्रशासन ने अनुमति दे दी है। इसलिए ये कहा जा सकता है कि इस अनुमति में राज्य सरकार की सहमति शामिल है.

वही राणा सांगा को लेकर अखिलेश यादव ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया था ,अखिलेश यादव ने कहा था ,हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं हो सकता। भाजपा ने इतिहास के कुछ विषयों को सदैव राजनीतिक लाभ और देश को धार्मिक-जातिगत आधार पर विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया है। हमारे राज्यसभा सदस्य ने सिर्फ एक पक्षीय लिखे गए इतिहास और व्याख्या का उदाहरण देने की कोशिश की है। हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है। आज के समय में बीते कल की, मतलब इतिहास की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती। राज काज के निर्णय अपने समय की परिस्थितियों की मांग के हिसाब से लिए जाते थे। भाजपा सरकार को अपनी भेदकारी आदत को सुधार कर जनता के रोजी-रोजगार, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर कुछ ध्यान देना चाहिए,,

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