Home National कौन था पहलगाम में मारा गया सैयद आदिल, जान लीजिये पूरी कहानी

कौन था पहलगाम में मारा गया सैयद आदिल, जान लीजिये पूरी कहानी

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ये कश्मीर के मेहमान हैं ,अल्लाह से डरो, इन निर्दोष लोगों को मत मारो। इतना कहने पर भी जब आतंकी नहीं माने और गोलियों की बौछार कर रहे थे तब एक बहादुर और जाबाज लड़का उन आतंकियों से भिड़ गया , बंदूके छीनी ,लेकिन उस छीना छपती में उसको गोली लग जाती हैं। जो युवक अपनी जान पर खेल कर लोगों को बचाने की कोशिश कर रहा था उसका नाम सैयद आदिल था।

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आइये आपको उसकी पूरी कहानी को बताते है कि आखिर उस दिन क्या कुछ हुआ था प्रयटकों और सैयद आदिल के साथ। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम कस्बे में 4 आतंकवादियों ने हमला कर दिया. इस हमले में 26 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है और 17 लोग घायल है. मारे गए लोगों में अधिकांश बैसारन घाटी घूमने आए पर्यटक थे, जिन्हें आतंकवादियों ने मार दिया.वहीं, मरने वालों में एक कश्मीरी युवक का भी नाम शामिल है. इस युवक की पहचान पहलगाम के अशमुकाम निवासी सैयद आदिल हुसैन शाह के रूप में हुई. आदिल पहलगाम में अपने टट्टू घोड़े पर पर्यटकों को घाटी में भ्रमण कराता था. लेकिन मंगलवार को बैसारन घाटी में आतंकियों ने उसे भी मार दिया.आतंकी हमले में मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह के पिता सैयद हैदर शाह ने मीडिया से बात चीत में कहा कि आदिल घर का इकलौता पैसा कमाने वाला था. जिसे आतंकवादियों ने मार दिया. उन्होंने कहा, “आदिल टट्टू घोड़े चलाने का काम करता था. पर्यटकों को अपने घोड़े पर घुमाता था. वो मंगलवार को भी पर्यटकों को घुमाने के लिए गया था.”उन्होंने आगे कहा, “दोपहर करीब 3 बजे हमें पता चला कि बैसारन में आतंकी हमला हो गया है. इसके बाद हमने उसे फोन लगाया तो फोन स्विच ऑफ आने लगा. साढ़े 4 बजे करीब फोन ऑन हुआ. हम उसपर कॉल करते रहे, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. फिर हम थाने गए, रिपोर्ट दर्ज कराई और वापस घर लौट आए.

हमले के बाद हमारे लड़के ने जाकर देखा तो वो अस्पताल में था. वह घर में सबसे बड़ा था और अकेला कमाने वाला था.”सैयद हैदर ने मीडिया से कहा, “आदिल की जान चली गई. वो चला गया तो अब किसी से क्या कहें. हमें बस इंसाफ चाहिए. आतंकवादियों ने ऐसा क्यों किया? बेगुनाह था वो. बेगुनाह मारा गया.घटना स्थल पर मौजूद कुछ चश्मदीदों के हवाले से बताया गया है कि कि सैयद आदिल हुसैन शाह आतंकी हमले के दौरान घाटी में ही मौजूद था. जब आतंकी लोगों को गोली मार रहे थे तब आदिल ने उन्हें रोकने की कोशिश की. उसने कहा कि ये कश्मीर के मेहमान हैं. उन्हें मत मारो. जब आतंकियों ने उसकी नहीं सुनी तो उसने एक आतंकी से उसकी राइफल छीनने की कोशिश करने लगा . जिसके बाद आतंकवादी ने उसे भी गोली मार दी और उसकी मौत हो गई.पहलगाम आतंकी हमले में सैयद आदिल हुसैन शाह के मारे जाने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला उसके सुपुर्द-ए-खाक में शामिल हुए. उन्होंने पीड़ित के प्रति संवेदना प्रकट की और हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाया. इसके आलावा आदिल की बहादुरी को लोग सलाम कर रहे हैं क्योंकि जब घटना हुई तब आदिल के आलावा वहां घाटी के तमाम अन्य लोग भी मौजूद थे लेकिन वो लोग आगे नहीं आये पर्यटको को बचाने के लिये ,शायद अगर वहां घाटी पर मौजूद लोग एक साथ उन चार आतंकियों के ऊपर जवाबी हमला किया होता तो शायद कई लोगों की जान बच जाती

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