5 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है एक ऐसा दिन जो हमें हमारी धरती और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। यह दिन सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित और संतुलित दुनिया बनाने की प्रेरणा है।

पर्यावरण क्या है और क्यों है ज़रूरी
पर्यावरण हमारे चारों ओर की हर वह चीज़ है जो हमें जीवन देती है हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और पूरा प्राकृतिक तंत्र। स्वस्थ जीवन के लिए इसका संतुलन बनाए रखना जरूरी है। यदि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे, तभी वह हमें जीवन देती रहेगी।
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कौन हैं पर्यावरण विज्ञान के जनक
पर्यावरण विज्ञान की नींव रखने वाले महान वैज्ञानिक एलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट को ‘पर्यावरण का जनक’ कहा जाता है। यह जर्मन वैज्ञानिक प्रकृति के विभिन्न घटकों जलवायु, जैव विविधता, और मानव गतिविधियों के आपसी संबंधों का गहन अध्ययन करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने हमें सिखाया कि हर प्राकृतिक तत्व एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है।
कैसे हुई थी इस दिवस की शुरुआत
1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र मानव पर्यावरण सम्मेलन आयोजित हुआ था। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। पहली बार यह दिवस 1973 में मनाया गया।
क्यों मनाते हैं विश्व पर्यावरण दिवस
इस दिन का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं जैसे प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के खिलाफ जागरूक करना और कार्रवाई के लिए प्रेरित करना है। यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा समन्वित किया जाता है।
क्या है 2025 की थीम
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम है “Beat Plastic Pollution”, यानी प्लास्टिक प्रदूषण को हराना। इस वर्ष का फोकस सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम करना, रिसायक्लिंग को बढ़ावा देना और प्लास्टिक के विकल्पों को अपनाने पर है। प्लास्टिक प्रदूषण आज मानवता और पृथ्वी दोनों के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है।