उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 जून को अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। एक आध्यात्मिक गुरु से लेकर देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री बनने तक का उनका सफर बेहद प्रेरणादायक और चुनौतियों से भरा रहा है।
अजय बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बनने तक
5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में गढ़वाली राजपूत परिवार में जन्मे योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट था। गणित में स्नातक की पढ़ाई के दौरान 1993 में वे गोरखपुर आए और गोरखनाथ मंदिर से जुड़े। 15 फरवरी 1994 को उन्होंने महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली और योगी आदित्यनाथ बने।
राजनीति में शुरुआती कदम
1998 में महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया और योगी ने महज 26 साल की उम्र में गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र के सांसद बनने का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद वे लगातार 5 बार सांसद चुने गए।
Also Read-गाजियाबाद में बकरीद से पहले बवाल, मीट से भरे ट्रक को भीड़ ने किया आग के हवाले, वीडियो वायरल
जनसेवा और संगठन निर्माण
गोरखनाथ मंदिर के महंत बनने के साथ ही उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना की और हिन्दुत्व के मुद्दों पर मुखर होकर एक प्रभावशाली नेता के रूप में पहचान बनाई।
विवाद और लोकप्रियता साथ-साथ
धर्मांतरण, दंगे और सांप्रदायिक भाषणों को लेकर वे कई बार विवादों में घिरे, लेकिन हर बार और मजबूत होकर उभरे। 1999 के पचरुखिया कांड और गोरखपुर दंगे के दौरान जेल भी गए, लेकिन उनके जनसमर्थन में कोई कमी नहीं आई।
राजनीतिक ताकत और सीएम पद तक का सफर
2007 में बीजेपी से मतभेद के बावजूद उन्होंने अपनी सियासी पकड़ बनाए रखी। 2014 में स्टार प्रचारक बने और बीजेपी की बड़ी जीत में अहम भूमिका निभाई। 2017 में योगी यूपी के मुख्यमंत्री बने और 2022 में दोबारा पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटे – जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
एक दिनचर्या जो मिसाल है
योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या सुबह 3 बजे से शुरू होती है – योग, पूजा, गौसेवा, जनता दरबार और राजनीतिक कार्यों में उनका पूरा दिन व्यस्त रहता है। वे गोरक्षपीठ के महंत हैं और अध्यात्म, योग व संस्कृति पर निरंतर लेखन करते हैं।
चुनावों में जीत के रिकॉर्ड
वे अब तक 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2019 और 2022 के चुनावों में पूर्वांचल व यूपी की सीटों पर ऐतिहासिक जीत दिलाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है।योगी आदित्यनाथ न सिर्फ एक राजनेता हैं, बल्कि एक सशक्त प्रशासक, विचारशील लेखक और हिंदू संस्कृति के प्रतीक बन चुके हैं। उनका जीवन सादगी, अनुशासन और जनसेवा की मिसाल है।