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योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में किया महायज्ञ: सनातन धर्म की रक्षा पर दिया बड़ा संदेश

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या धाम के अशर्फी भवन आश्रम में आयोजित भव्य अष्टोत्तरशत 108 श्रीमद्भागवत पाठ और पंच नारायण महायज्ञ में हिस्सा लिया। सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महायज्ञ में आहुतियां देकर प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है, और इसे संरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि धर्म और संस्कृति से समाज में सकारात्मकता और शांति का प्रसार होता है। ऐतिहासिक मंदिरों पर हुए आक्रमणों का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा, “जो लोग इन पवित्र स्थलों को नष्ट करने की कोशिश करते थे, उनका कुल और वंश खुद ही समाप्त हो गया।”

सीएम योगी ने कहा कि औरंगजेब के वंशज आज रिक्शा चलाने को मजबूर हैं। यह उनकी दुर्गति का परिणाम है। अगर उन्होंने अच्छे कर्म किए होते और मंदिरों को न तोड़ा होता, तो क्या उनकी ऐसी हालत होती? उन्होंने कहा कि विश्व में शांति की स्थापना केवल सनातन धर्म के माध्यम से ही संभव है। यह शाश्वत धर्म है, जो सृष्टि की शुरुआत से ही चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की पहचान तब तक बनी रहेगी, जब तक सनातन धर्म सुरक्षित है। उन्होंने जोर दिया कि इस धर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि युगों से सनातन धर्म ने सृष्टि के साथ तालमेल बनाकर अपनी जीवंतता बनाए रखी है। इसे भविष्य में किसी भी विकृति या विसंगति से बचाने के लिए हमें सतर्क रहना होगा। भारत तभी तक भारत है, जब तक यहां सनातन धर्म सुरक्षित है, और इसकी रक्षा के लिए सभी को साथ मिलकर प्रयास करना होगा।

सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म शाश्वत और सृष्टि के साथ जुड़ा हुआ धर्म है। उन्होंने माना कि समय के साथ कुछ विसंगतियां आई होंगी, लेकिन हमारे ऋषि-मुनियों और संतों ने हमेशा उनका समाधान किया है। हमें महापुरुषों द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करते हुए इन विसंगतियों को दूर करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि आपसी फूट, बंटवारे या विभाजन की गलतियों का बोझ पूरे देश और धर्म पर नहीं पड़ने देंगे। इस संकल्प के साथ हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विरासत और विकास के बीच संतुलन बनाना बेहद जरूरी है। अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार संतों के मार्गदर्शन में अयोध्या के गौरव को पुनः स्थापित कर रही है। रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण और अयोध्या धाम का विकास इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह यज्ञ केवल आत्मशुद्धि और पर्यावरण शुद्धि का माध्यम नहीं है, बल्कि सनातन धर्म की रक्षा और समाज में सकारात्मक ऊर्जा के प्रसार का मार्ग भी है। उन्होंने मां सरयू के पवित्र अंचल और भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर इस यज्ञ को बेहद खास बताया।

गुलामी और धर्म स्थलों के अपमान का सबक
सीएम योगी ने कहा कि भारत को गुलामी की बेड़ियों और धर्म स्थलों के अपमान का दंश झेलना पड़ा है। ऐसी गलतियों को दोहराने से बचने की जरूरत है। उन्होंने सभी से सनातन धर्म की रक्षा और संरक्षण के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर विश्व मानवता को बचाना है, तो सनातन धर्म का सम्मान करना होगा, क्योंकि यह धर्म सभी के कल्याण की बात करता है। वसुधैव कुटुंबकम् की परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने विपत्ति के समय हर जाति और मजहब के लोगों को शरण दी है।

पाकिस्तान-बांग्लादेश का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में हुए अत्याचारों का जिक्र करते हुए कहा कि यह उन लोगों के कुकृत्यों का नतीजा है, जिन्होंने सनातन धर्म से जुड़े पवित्र स्थलों को नष्ट करने का काम किया। उन्होंने कहा कि उनकी नीयत धरती को नर्क बनाने की थी, लेकिन आज उनका कोई अस्तित्व नहीं है।

पवित्र स्थलों के अपमान का दुष्परिणाम
सीएम योगी ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, और भोज में मां सरस्वती के मंदिर जैसे पवित्र स्थलों को अपवित्र करने वालों का आज नामोनिशान नहीं है। यह उनके पापों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति न आए, यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है।

पंचनारायण महायज्ञ के लिए धन्यवाद
मुख्यमंत्री ने पंचनारायण महायज्ञ के आयोजन के लिए जगद्गुरु रामानुजाचार्य पूज्य स्वामी शंकराचार्य महाराज और उनकी टीम का धन्यवाद किया। उन्होंने इसे धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यज्ञ का पुण्य पूरे भारत को मिलेगा। इस अवसर पर कई कैबिनेट मंत्री, महापौर, धर्मगुरु और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। .

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