योगी सरकार बुजुर्गों के सम्मानजनक जीवन और कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों और माता-पिता के भरण-पोषण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जो हजारों बुजुर्गों के जीवन को सशक्त और सुखद बना रही हैं। कड़ाके की ठंड को ध्यान में रखते हुए प्रदेश भर के वृद्धाश्रमों में हर तरह की सुविधाओं का इंतजाम किया गया है।
हर जिले में आधुनिक वृद्धाश्रम
उत्तर प्रदेश के हर जिले में 150 क्षमता वाले वृद्धाश्रम बनाए गए हैं। इन आश्रमों में बुजुर्गों को न केवल रहने की सुविधा दी जा रही है, बल्कि उनकी देखभाल और सामाजिक सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। बेहतर प्रबंधन के लिए जिला स्तर पर विशेष समितियां बनाई गई हैं। साथ ही, भरण-पोषण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो बुजुर्गों की समस्याओं को तुरंत हल करने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम
वर्तमान में चल रही कड़ाके की ठंड को देखते हुए, सरकार ने सभी वृद्धाश्रमों में ठंड से बचाव के व्यापक इंतजाम किए हैं। गर्म कपड़ों, रजाई, गद्दों और हीटर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि बुजुर्ग किसी भी परेशानी का सामना न करें।
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आर्थिक सहयोग और बढ़ते लाभार्थी
योगी सरकार वृद्धाश्रमों की देखभाल पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।
- वित्तीय वर्ष 2022-23: 5,443 बुजुर्गों के लिए 49.87 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
- वित्तीय वर्ष 2023-24: 6,864 बुजुर्गों के लिए 61.94 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ।
- वित्तीय वर्ष 2024-25: करीब 7,000 बुजुर्गों के लिए 40.02 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं।
बुजुर्गों को नई उम्मीद और आत्मसम्मान
योगी सरकार की ये पहल बुजुर्गों को न केवल सुरक्षा और देखभाल दे रही है, बल्कि उन्हें एक नया परिवार और आत्मसम्मान भी प्रदान कर रही है। इन योजनाओं ने बुजुर्गों को उपेक्षा से बचाकर उनके जीवन को खुशहाल और अर्थपूर्ण बनाया है। उत्तर प्रदेश के इन वृद्धाश्रमों ने सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है।
योगी सरकार का लक्ष्य:
कोई भी बुजुर्ग अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण चरण में अकेलापन या उपेक्षा महसूस न करे।