जिस नगर में 45 करोड़ से ज्यादा लोगों की आमद हुई हो, उस नगर को स्वच्छ रखना एक बड़ी जिम्मेदारी बनती है, इसी जिम्मेदारी को निभाने के लिए तेजतर्रार IAS अनुज झा को जिम्मेदारी देते हुए नोडल अधिकारी के रूप के नामित किया गया, अनुज झा ने जानकारी देते हुए बताया कि किन तरीको से महाकुंभनगर में साफ सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार महाकुंभ 2025 के दौरान गंगा-यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार चाहती है कि श्रद्धालु जब पवित्र संगम में स्नान करें, तो वे भक्ति के साथ स्वच्छता का संदेश भी लेकर जाएं।

गंगा और यमुना की सफाई के लिए ट्रैश स्कीमर मशीनें लगाई गई हैं, जो हर दिन 10 से 15 टन कचरा नदियों से बाहर निकाल रही हैं। इन अत्याधुनिक मशीनों के जरिए धार्मिक अपशिष्ट, प्लास्टिक, कपड़े, फूल-माला, अगरबत्ती रैपर और अन्य कचरा हटाया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल में स्नान करने का अनुभव मिल सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाते हुए, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महाकुंभ की तैयारियां करीब 4 साल पहले ही शुरू कर दी थीं। पहले एक ट्रैश स्कीमर मशीन प्रयागराज में काम कर रही थी, जो प्रतिदिन 50-60 क्विंटल कचरा निकाल रही थी। मशीन की क्षमता और सफाई के प्रभाव को देखते हुए, 2 साल पहले एक और मशीन खरीदी गई, जिससे सफाई की गति दोगुनी हो गई।