महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान हुए हादसे को लेकर योगी सरकार पूरी तरह गंभीर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद घटना की हर पल मॉनिटरिंग कर रहे हैं और घायलों को बेहतरीन इलाज मिले, इसके लिए लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं। प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में घायलों के इलाज की विशेष व्यवस्था की गई है।
घायलों और तीमारदारों के लिए विशेष सुविधाएं
- निशुल्क इलाज: सभी घायलों को फ्री दवाइयां, टेस्ट और चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं।
- फ्री खाना-पानी: मरीजों के साथ उनके परिजनों को भी निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
- घर वापसी की सुविधा: स्वस्थ होने के बाद मरीजों को सरकारी एंबुलेंस या अन्य साधनों से उनके घर तक पहुंचाने का प्रबंध किया गया है।
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मरीजों और परिजनों ने जताया आभार
जौनपुर की संयोगिता यादव, जो हादसे में घायल हुई थीं, अब पूरी तरह ठीक हैं। उनके भाई विवेक यादव ने बताया कि उनकी बहन का सीटी स्कैन, एक्स-रे और अन्य जरूरी टेस्ट बिल्कुल फ्री किया गया। अस्पताल में बेहतर देखभाल और निशुल्क इलाज मिला, यहां तक कि घर वापस जाने के लिए एंबुलेंस भी दी जा रही है।
रांची की मनोरमा देवी के पति ईश्वरीय दयाल ने कहा, “सरकार ने कुम्भ मेले की बेहतरीन व्यवस्था की थी, लेकिन किसी वजह से यह हादसा हो गया। इलाज और देखभाल की व्यवस्था बहुत अच्छी है और मरीजों की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है।”
फतेहपुर के सिंह नारायण और लखनऊ की गौरी शर्मा ने भी सीएम योगी और डॉक्टरों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने हादसे के बाद हर संभव मदद की, जिससे घायलों को राहत मिली।
क्या यह हादसा साजिश थी?
कुछ मरीजों और तीमारदारों ने हादसे में साजिश की आशंका जताई है। लखनऊ की गौरी शर्मा ने कहा, “कुंभ में इतनी कड़ी व्यवस्था थी कि इस तरह का हादसा होना असंभव लगता है। यह जरूर किसी की साजिश है।”
रांची की मनोरमा देवी ने भी बताया कि स्नान के वक्त कुछ युवक अचानक दौड़ते हुए आए और श्रद्धालुओं को धक्का देने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। उन्होंने सरकार से इसकी गहराई से जांच की मांग की।
41 में से 10 मरीज डिस्चार्ज, सभी की हालत स्थिर
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर और मीडिया प्रभारी डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि अभी तक 41 घायलों में से 10 को डिस्चार्ज कर दिया गया है, और बाकी की हालत स्थिर है। कोई भी मरीज क्रिटिकल स्थिति में नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी गई है। मरीजों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस और अन्य साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
महाकुंभ में हादसे के बावजूद, सरकार की तत्परता और बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं से मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिली है।