योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार को बनाए रखने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 का द्वितीय अनुपूरक बजट मंगलवार को विधानसभा में पेश किया। 17,865.72 करोड़ रुपए के इस बजट में 790.49 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। यह बजट, मूल बजट (7.36 लाख करोड़ रुपए) का 2.42% है। इससे पहले सरकार 12,209.93 करोड़ रुपए का पहला अनुपूरक बजट भी पेश कर चुकी है। दोनों अनुपूरक बजट मिलाकर कुल बजट अब 7.66 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
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मुख्य बिंदु:
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में यह बजट पेश करते हुए कहा कि यह विकास को प्राथमिकता देने वाली सरकार है। अनुपूरक बजट में आकस्मिक खर्चों और केंद्रीय योजनाओं का भी प्रावधान है। इसमें 422.56 करोड़ रुपए केंद्रांश की राशि और 30.48 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति भी शामिल है।
विभागों को मिलेगी बड़ी राशि:
- ऊर्जा विभाग: 8587.27 करोड़ रुपए
- वित्त विभाग: 2438.63 करोड़ रुपए
- परिवार कल्याण विभाग: 1592.28 करोड़ रुपए
- पशुधन विभाग: 1001 करोड़ रुपए
- लोक निर्माण विभाग: 805 करोड़ रुपए
- प्राथमिक शिक्षा विभाग: 515 करोड़ रुपए
- सूचना विभाग: 505 करोड़ रुपए
- पंचायती राज विभाग: 454.01 करोड़ रुपए
- चिकित्सा शिक्षा विभाग: 354.54 करोड़ रुपए
पहला अनुपूरक बजट और इसका उद्देश्य:
इससे पहले योगी सरकार ने फरवरी में 7.36 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। इसके बाद 30 जुलाई को 12,209.93 करोड़ का पहला अनुपूरक बजट लाया गया। पांच महीने बाद विकास कार्यों को गति देने और नई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार ने दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया है, जिसे कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई।
क्यों जरूरी है अनुपूरक बजट?
अनुपूरक बजट तब पेश किया जाता है जब सरकार को वित्तीय वर्ष के बीच में पहले से स्वीकृत बजट के अलावा अतिरिक्त खर्च की जरूरत होती है। यह बजट नई योजनाओं, आकस्मिक खर्चों या बदलती परिस्थितियों के अनुसार लाया जाता है, ताकि विकास कार्य बिना रुकावट के जारी रह सकें।इस बजट के जरिए योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि विकास और जनहित के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।